झारखंड सरकार ने डायन बिसाही के मामलों को रोकने के लिए कई जागरूकता अभियान चलाए हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी इस पर काम करने की जरूरत है। सरकार ने इसके खिलाफ कड़े कानून बनाए हैं लेकिन जागरूकता की कमी और अंधविश्वास के कारण यह प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं।
पिछले दिनों चतरा जिले के कुंडा थाना क्षेत्र के चिलोई गांव स्थित बरवाटोला में कुंती देवी नाम की एक विधवा औरत को डायन बिसाही बता कर हत्या कर दी गई और उसके शव को गांव से तकरीबन 3 किलोमीटर दूर चरगिदवा जंगल में फेंक दिया गया। मृतका के भाई जगदीश गंझू ने हत्या का आरोप बहन के गोतिया पर लगाया है। उन्होंने बताया कि उनकी बहन गांव की महिलाओं के साथ जलावन की लकड़ी लाने जंगल गई थी, जब वह जंगल से लकड़ी लेकर लौट रही थी तब उनके साथ आ रही गांव की महिलाएं आगे बढ़ गईं। इसी बीच घात लगाकर बैठे हत्यारों ने टांगी से वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसको जंगल में फेंक दिया। मृतका कुंती देवी की दो बेटियां हैं। 2 वर्ष पूर्व ही उसके पति नारायण गंझू की बीमारी के कारण मौत हो गई थी।